BIG NEWS : Kejriwal ही होंगे दिल्ली के बॉस, Supreme Court का ऐतिहासिक फैसला, जानिए क्या बदल जाएगा ?



दिल्ली : राजधानी दिल्ली में मुख्यमंत्री बनाम उपराज्यपाल के मामले में Supreme Court ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों की तैनाती और तबादले का अधिकार दिल्ली सरकार को होना चाहिए. यानी उपराज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री ही दिल्ली का असली बॉस होगा. आइए जानते हैं कि इस फैसले का क्या असर होगा :


1. अबी तक की व्यवस्था में अफसरों की नियुक्ति और ट्रांसफर की शक्तियां दिल्ली के LG के पास थी। इस तरह की सभी फाइलों को उपराज्यपाल ही मंजूरी देते थे। LG ही तय करते थे कि कौन-सा अफसर किस विभाग में होगा और यही विवाद की जड़ रहा है। दिल्ली सरकार का कहना रहा है कि चूंकि ट्रांसफर-पोस्टिंग एलजी के पास है, इसलिए अफसर उन्हीं की सुनते हैं। चुनी हुई सरकार होने के बावजूद दिल्ली सरकार के मंत्रियों की बात तक नहीं सुनी जाती। यहां तक की दिल्ली सरकार जनहित के जो फैसले करती है, उसकी राह में भी अफसर अड़चन डालते हैं। इसी वजह से आए दिन टकराव देखने को मिलता रहा है।


2. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली की केजरीवाल सरकार के पास अधिकार होगा कि निचले और मध्यम कैडर के अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग वो अपने लेवल पर कर पाएगी।


3. अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के बारे में दिल्ली सरकार अपने फैसलों की जानकारी LG को देगी और उपराज्यपाल इसे मानने के लिए बाध्य होंगे। भारतीय प्रशासनिक सेवा यानी आईएएस अफसरों के मामले में दिल्ली सरकार के पास इतना अधिकार होगा कि तय करे कि किस अफसर के पास कौन-सा विभाग होगा। अब तक आईएएस अफसरों के दिल्ली में विभाग भी उपराज्यपाल ही तय करते थे।


4. दिल्ली में तैनात अफसरों की गोपनीयता रिपोर्ट (एसीआर) की समीक्षा करने का अधिकार अब भी उपराज्यपाल के पास ही रहेगा। सीआर लिखेगी दिल्ली सरकार, लेकिन रिव्यू करेंगे एलजी। ऐसे में दिल्ली सरकार और केंद्र में टकराव पूरी तरह से ख़त्म होगा, ये कहना मुश्किल है। 


5. सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले से दिल्ली सरकार के लिए काम करना कुछ आसान हो जाएगा। अब तक दिल्ली सरकार का आरोप रहा है कि अफसर उसके निर्देशों का पालन नहीं करते। यहां तक कि कई मामलों में बुलाने के बावजूद बैठक में नहीं आते। अब अफसरों को ना सिर्फ ऐसी बैठकों में मौजूद रहना होगा बल्कि निर्देशों का भी पालन करना होगा।


यहां देखें सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले की 10 बड़ी बातें :-


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