Terror Funding Case : यासीन मलिक के गुनाहों का हुआ हिसाब, आखिरी सांस तक जेल में रहेगा, उम्रकैद की सजा


दिल्ली : टेरर फंडिंग के केस में प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को सजा का एलान हो चुका है. दिल्ली की NIA कोर्ट ने यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने यासीन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. NIA ने यासीन मलिक को सजा ए मौत देने की मांग की थी. गुरुवार को कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में यासीन को दोषी ठहराया था. यासीन मलिक ने सुनवाई के दौरान कबूल कर लिया था कि वो कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल था.

यासीन मलिक को NIA कोर्ट ने कुल नौ मामलों में सजा सुनाई है. साथ ही अलग-अलग धाराओं में जुर्माना भी लगाया गया है जो इस प्रकार है :-


120B में 10 साल की सज़ा और 10 हज़ार जुर्माना, 

121 में उम्रकैद की सज़ा और 10 हज़ार जुर्माना, 

121A में 10 साल की सज़ा 10 हज़ार जुर्माना, 

UAPA की धारा 13 में 5 साल और 5 हज़ार जुर्माना, 

UAPA की धारा 15 में 10 साल की सज़ा और 10 हज़ार जुर्माना,

UAPA की धारा 17 में उम्रकैद सज़ा और 10 लाख का जुर्माना,

UAPA की धारा 18 में 10 साल 10 हज़ार जुर्माना,

UAPA की धारा 38 और 39 में 5 साल की सज़ा और 5 हज़ार का जुर्माना लगाया गया है.


UAPA में धारा 18, 19, 20, 38 और 39 के तहत केस दर्ज होता है. धारा 38 तब लगती है जब आरोपी के आतंकी संगठन से जुड़े होने की बात पता चलती है. धारा 39 आतंकी संगठनों को मदद पहुंचाने पर लगाई जाती है. गैरकानूनी संगठनों, आतंकवादी गैंग और संगठनों की सदस्यता को लेकर इसमें कड़ी सजा का प्रावधान है. सरकार द्वारा घोषित आतंकी संगठन का सदस्य पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा मिल सकती है. इसके अलावा धारा 121 A राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने या युद्ध का प्रयास पर लगती है, जिसमें भी उम्रकैद की सजा सुनाई जा सकती है.


तिहाड़ जेल प्रशासन ने की बैठक


यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद तिहाड जेल प्रशासन ने एक अहम बैठक की. इसमें जेल प्रशासन के मुखिया ने यासीन मलिक की सुरक्षा को लेकर सख्त निर्देश दिए और उसे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में रखा जाएगा. यासीन को फिलहाल जेल नंबर 7 के एक वार्ड में अकेला रखा जा रहा है. यह एक हाई सिक्योरिटी बैरक है. अब उम्र कैद की सजा होने के बाद उस पर CCTV से पैनी नजर रखी जाएगी. हालांकि उसका जेल या वार्ड शिफ्ट किया जाएगा या नहीं फिलहाल इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है.


NIA ने 30 मई 2017 को केस दर्ज किया था


कोर्ट ने माना है कि यार्न मलिक ने 'आजादी' के नाम जम्मू कश्मीर में आतंकवादी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने के मकसद से दुनिया भर में एक नेटवर्क स्थापित कर लिया था. NIA ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में 30 मई 2017 को केस दर्ज किया था. इस मामले में एक दर्जन के अधिक लोगों के खिलाफ 18 जनवरी 2018 को चार्जशीट फाइल की गई थी.


घाटी में बड़े पैमाने पर हिंसा को अंजाम दिया


NIA ने कोर्ट में कहा था कि लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने पाकिस्तान की आईएसआई के समर्थन से नागरिकों और सुरक्षाबलों पर हमला करके घाटी में बड़े पैमाने पर हिंसा को अंजाम दिया. 


द भारत ख़बर

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने

विज्ञापन

विज्ञापन