यूक्रेन बाकि लड़ाकू विमानों का प्रयोग क्यों नहीं कर रहा है ?



 बात करते हैं युक्रेन और रूस की जंग की बीच आए एक ताज़ा अपडेट की…यूक्रेन रूसी हमले से अपनी रक्षा के लिए पश्चिमी देशों से फाइटर जेट की मांग कर रहा है...…युक्रेन के कई यूरोपीय सहयोगियों के पास वैसे लड़ाकू विमान हैं, जिसकी उसे ज़रूरत है..हालाँकि युक्रेन को ये लड़ाकू विमान मिलना काफ़ी मुश्किल लग रहा है…


कोई देश क्यों नहीं भेज रहे लड़ाकू विमान ?


पोलैंड ने अपने पास मौजूद सोवियत काल के लड़ाकू विमानों के बेड़े को अमेरिका-नेटो के रैमस्टीन एयरबेस के ज़रिए युक्रेन भेजने का प्रस्ताव दिया है…’’हम अपने फाइटर जेट्स का पूरा बेड़ा रैमस्टीन भेजने को तैयार हैं लेकिन हम अकेले कोई कदम उठाने को तैयार नहीं हैं, क्योंकि जैसा की मैंने कहा हम इस युद्ध में शामिल नहीं हैं



अमेरिका ने इस ऑफ़र को रिजेक्ट क्यों किया ?


रूस ने चेतावनी दी है कि यूक्रेनी एयरफ़ोर्स को किसी तरह की मदद को इस युद्ध में शामिल होना माना जाएगा…अमेरिका और नेटो में शामिल बाकि देश रूप की संभावित प्रतिक्रिया से डर रहे हैं…युक्रेन को मिंग-29 देना एक भड़काऊ कदम माना जा सकता है और रूस की तरफ़ से ठोस प्रतिक्रिया आ सकती है..इससे उसकी नेटो के साथ सैन्य टकराव की संभावना बढ़ सकती है…



 यूक्रेन बाकि लड़ाकू विमानों का प्रयोग क्यों नहीं कर रहा है ?



युक्रेन के पायलट केवल सोवियत काल के विमान उड़ाने के लिए प्रशिक्षित हैं…इन विमानों को पहले के ईस्टर्न ब्लॉक के कई देश इस्तेमाल करते हैं…नेटों वायुसेना के द्वारा इस्तेमाल पश्चिमी देशों के विमानों को वे इस्तेमाल नहीं कर सकते…मिस्टर जेलेंस्की के नो फ़्लाई ज़ोन के दूसरे आग्रह को नेटों देश पहले ही ख़ारिज कर चुके हैं…उन्हें डर है कि इस वजह से उन्हें भी युद्ध में शामिल होना पड़ सकता है…हमें लगता है कि यूक्रेन की सेना को समर्थन देने का सबसे बेहतर तरीक़ा रूप को हराने के लिए उन्हें हथियार और ऐसे सिस्टम देना है जो उनके लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है





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