Punjab:पंजाब की मंडियों में रविवार को पहुंची 4.7 लाख मीट्रिक टन धान, जाली बुकिंग का अंदेशा, होगी जांच



Punjab News: पंजाब की अनाज मंडियों में पिछले कुछ दिन से काफी मात्रा में धान की फसल पहुंच रही है। रविवार को दीवाली की छुट्टी वाले दिन भी राज्य की मंडियों में 4.7 लाख मीट्रिक टन धान पहुंची है। संशय जताया जा रहा है कि ऐसा फेक बुकिंग के चलते हो रहा है। 

लुधियाना के डीसी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पत्र लिखकर सभी एसडीएम और आरओ को हिदायत दी है, कि वो निजी तौर पर मंडियों में जाएं। वीडियोग्राफी के ज़रिए सेंटरों और मंडियों में पड़ी धान की 11 से 13 नवंबर तक तीन दिन में हुई बुकिंग से मिलान करें ताकि इस मामले की हकीकत को सामने लाया जा सके।

जानकारी के मुताबिक पंजाब, हरियाणा में धान की फसल पर MSP मिलती है, जबकि अन्य राज्यों में ऐसा नहीं है। ऐसे में इस कारोबार से जुड़े लोग मोटा मुनाफा कमाने के लिए बाहरी राज्यों से धान खरीद कर ले आते हैं। साथ ही उन्हें फर्जी बुकिंग के माध्यम से बेचकर मोटा मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं। यह मामला कई बार किसान जत्थेबंदियां भी सरकार व मंडी बोर्ड के सामने उठा चुकी हैं। दीवाली वाले दिन राज्य की मंडियों में 4.7 लाख मीट्रिक टन धान पहुंची है, जबकि इस दिन छुट्टी होती है। इस समय गेहूं की बिजाई का समय शुरू हो चुका है। 15 दिन से गेहूं की बुआई की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सारे मामले की पड़ताल करने का फैसला लिया है।

वहीं बीकेयू (भारतीय किसान यूनियन) लक्खोवाल नेता रणबीर सिंह ने सरकार के चेकिंग करने वाले कदम की सराहना की है।और कहा है कि इससे किसानों के हितों की रक्षा होगी। 

किसान नेताओं के अनुसार जाली बुकिंग कई तरह से होती है। इस कारोबार में कुछ आढ़तियों व शेलर मालिकों की अहम भूमिका रहती है। वो बाहरी राज्यों से कम दामों पर धान की खरीदते हैं। किसानों का रिकॉर्ड उनके पास रहता है। फिर जाली आईडी बनाकर इस सारे कारोबार को अंजाम देते हैं। प्रति एकड़ के लिए फसल का उत्पादन तय है। अगर किसान का उससे कम है, तो वहां फायदा उठाते हैं। इसके अलावा जिस जमीन पर बिजाई नहीं की जाती है। वो उस का भी रिकॉर्ड दिखाकर इस सारे काम को अजाम देते हैं। यह पहली बार नहीं हुआ है। इस तरह के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं।

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