जम्‍मू-कश्‍मीर सब इंस्‍पेक्‍टर भर्ती घोटाला मामले में CBI ने लोगों पर नज़र रखना शुरू किया


 जम्‍मू : सीबीआई जम्मू-कश्मीर के सब इंस्‍पेक्‍र भर्ती घोटाले (Jammu Kashmir Sub Inspector Recruitment scam case) के सिलसिले में जम्मू, श्रीनगर, हरियाणा, गांधीनगर, गाजियाबाद, बेंगलुरु, दिल्ली सहित 33 स्थानों पर तलाशी ले रही है. इसे उप राज्यपाल मनोज सिन्‍हा द्वारा भ्रष्टाचार पर कड़े प्रहार के रूप में देखा जा रहा है. 27 मार्च 2022 को हुए सब इंस्पेक्टर भर्ती एग्जाम (PSI recruitment) में हुई धांधली के बाद इस परीक्षा को रद्द कर मामले की जांच सीबीआई (CBI) को सौंपी गई है. सीबीआई ने भर्ती घोटाले में 33 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसमें जम्मू-कश्मीर स्टाफ सेलेक्शन बोर्ड (JKSSB) के सदस्य नारायण दत्त, बीएसएफ के डॉ. करनल सिंह, सब इंस्पेक्टर की परीक्षा लेने वाली कंपनी Merittrex Service और जम्मू के अखनूर में Edumax Coaching Class चलाने वाले अविनाश गुप्ता शामिल हैं. वहीं, इससे पहले 5 अगस्त 2022 को सीबीआई ने कई जगहों पर रेड की थी.

दरअसल, सब इसंपेक्टर लिखित परीक्षा की चयन सूची आने के बाद कई छात्रों ने जम्मू में प्रदर्शन करना शुरू किया था. कई दिन तक चले इस प्रदर्शन के बाद चले उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने ये पूरा मामला सीबीआई को सौंपा था और उसके बाद ही ये कार्रवाई शुरु की गई और परीक्षा को रद्द कर दिया गया था. प्रदर्शन करने वाले छात्रों का आरोप था कि इस परीक्षा मे वो छात्र भी चयनित हुए हैं, जो इस काबिल नहीं थे. परीक्षा के पेपर लीक होने की बात सामने आई थी और ऊसके बाद ही ये प्रदर्शन शुरू हो गए थे.

इसके बाद ही सीबीआई ने मामला दर्ज कर इसे गंभीरत से लिया. सूत्रों के अनुसार, मामला दर्ज करने के बाद जांच एजेंसी ने लोगों पर नजर रखना शुरु किया और आज फिर ये रेड शुरु की गई. आज कई जगहों पर रेड जारी है.

तत्कालीन चिकित्सा अधिकारी, बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय, पलौरा सहित 33 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा; तत्कालीन सदस्य, जेकेएसएसबी; तत्कालीन अवर सचिव, तत्कालीन अनुभाग अधिकारी (जेकेएसएसबी दोनों); सीआरपीएफ के पूर्व अधिकारी; जम्मू-कश्मीर पुलिस के एएसआई; एक कोचिंग सेंटर के मालिक, अखनूर; बेंगलुरु स्थित निजी कंपनी; निजी व्यक्ति और अज्ञात अन्य पर परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगे थे. जम्मू-कश्मीर सरकार ने इसे देखने के लिए एक जांच समिति का गठन किया था. आरोप है कि आरोपितों ने षडयंत्र रचा और उप निरीक्षकों के पदों की लिखित परीक्षा के आयोजन में घोर अनियमितता बरती.

यह आगे आरोप लगाया गया कि जम्मू, राजौरी और सांबा जिलों के चयनित उम्मीदवारों का प्रतिशत असामान्य रूप से उच्च था. जेकेएसएसबी द्वारा नियमों का उल्लंघन कथित रूप से बेंगलुरु स्थित निजी कंपनी को प्रश्न पत्र स्थापित करने का कार्य सौंपने में पाया गया था.

जम्मू कश्‍मीर में सब इंस्‍पेक्‍टर ही नहीं, जेई सिविल की नियुक्तियों को भी उपराज्यपाल प्रशासन ने रद्द कर दिया था और साथ ही धांधली के आरोपों के वित्त विभाग मे अकाउंट असिस्‍टेंट की नियुक्तियों को भी रद्द कर दिया गया. गौरतलब है कि उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कुछ दिन पहले कहा था कि जम्मू कश्‍मीर में इन तीन परीक्षाओं व नियुक्तियों में धांधली की बातें सामने आई हैं, जिसके चलते हमने एक जांच कमेटी का गठन किया और पुख्ता सबूत मिलने के बाद ही हमने ये मामला सीबीआई को सौंपा है.


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