Punjab News: पंजाब में पराली जलाने के मामले में 11 जिलों के SSP को DGP ने जारी किया कारण बताओ नोटिस, 3 दिन में मांगा जवाब




Punjab: सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बावजूद पराली जलाने के मामले को लेकर पंजाब सरकार एक्शन मोड में नज़र आ रही है। 11 जिलों के SSP को डीजीपी की तरफ से पराली जलने की घटनाएं नहीं रोक पाने के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। नोटिस में पूछा गया है कि पराली जलाने की घटनाओं में कमी न आने का क्या कारण है। अब तक इस पर क्या एक्शन लिया गया है। सोमवार तक सभी को अपना जवाब दाखिल करना होगा। पराली जलाने की घटनाओं पर अब तक पुलिस की ओर से अलग अलग जिलों में 825 मामले दर्ज किए गए हैं। इन जिलों में बरनाला, बठिंडा, फरीदकोट, फाजिल्का, फिरोजपुर, लुधियाना, मोगा, मुक्तसर, संगरूर, जगराओं और खन्ना शामिल हैं।


पुलिस और प्रशासन की टीमों ने अब तक 5661 किसानों को पराली जलाने के चलते जुर्माना लगाया है। उन पर 1.42 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। साथ 342 से अधिक किसानों के राजस्व रिकॉर्ड में रेड एंट्री दर्ज की गई।


बता दें कि सरकार ने कुछ समय पहले पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को सारे पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में लगा दिया था। और एक सर्कल में बांट दिया था। लेकिन इसके बावजूद पराली जलाने की धघटनाओं में कमी नहीं आई। ऐसे में अब इस मामले को डीजीपी ने गंभीरता से लिया है। जिन जिलों में पराली जलाने के सबसे ज़्यादा केस आ रहे हैं, उनको नोटिस देकर जवाब तलब किया गया है।


पंजाब पुलिस की तरफ से पराली जलाने के मामलों को लेकर अब तक जो केस दर्ज किए हैं। उनमें से कई केस ऐसे है, जिनमें आरोपियों की पहचान नहीं हुई। ऐसे में पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी जिलों के SSP को हिदायत दी है कि उन लोगों की पहचान की जाए जिनके खेतों में आग लगी है, साथ ही आग किसकी तरफ से लगाई गई, इस चीज का भी पता लगाए जाए।


पुलिस ने पराली जलाने से रोकने के लिए कई ऐसे अभियान भी चलाए हैं जिनसे गांव गांव जाकर लोगों को इसके दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दे सकें। और इसके लिए गांवों के समूहों, ग्राम सरपंचों और किसान नेताओं के साथ अब तक 7000 से ज्यादा बैठकें की हैं। खेतों में आग की जांच के लिए पुलिस और स्थानीय अधिकारियों के 1,040 संयुक्त उड़न दस्ते भी बनाए गए हैं।


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