अध्यादेश पर सीएम केजरीवाल ने PM मोदी पर साधा निशाना, दिल्ली की राजनीति गरमाई






नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के लिए लाए गए अध्यादेश ने एक बार फिर राजजनीति को गरमा दिया है। जब से अध्यादेश लाया गया है तब से आम आदमी पार्टी का केंद्र सरकार पर लगतार हमला जारी है। जहां आप पार्टी इसे संविधान पर हमला करार दे रही है तो वहीं बीजेपी ये कह रही है कि ये अध्यादेश दिल्ली की जनता के हित में लाया गया है। इस अध्यादेश के बाद दिल्ली की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने अध्यादेश को लेकर कहा कि जैसे ही सुप्रीम कोर्ट छुट्टियों के लिए बंद हुआ तो केन्द्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। सुप्नीम कोर्ट के आदेश को पलटने के लिए इन्होंने पहले से ही तैयाारी कर रखी थी। 

सीएम अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि सेवा विभाग से जुड़े मामले में केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी सड़क से संसद तक विरोध दर्ज करेगी। घर-घर तक अपनी बात पहुंचाने के साथ दिल्ली में महारैली की जाएगी। वहीं, राज्यसभा में इसे पास नहीं होने देने के लिए विपक्ष का भी समर्थन मांगा जाएगा। जुलाई में सुप्रीम कोर्ट के खुलने पर अध्यादेश की वैधता को चुनौती दी जाएगी। अध्यादेश गैरकानूनी, असंवैधानिक व जनतंत्र के खिलाफ है। खुद केजरीवाल बहुत छोटी चीज है, लेकिन सबसे बड़ी दिल्ली की जनता है।

बीजेपी का दिल्ली की जनता को तमाचा...
केजरीवाल ने कहा कि अध्यादेश लाना लोकतंत्र, सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली की दो करोड़ जनता के साथ मजाक है। यह अध्यादेश कोर्ट में पांच मिनट भी नहीं टिकेगा, इसीलिए शुक्रवार को जैसे ही सुप्रीम कोर्ट छुट्टियों के लिए बंद हुआ, वैसे ही केंद्र ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। केंद्र सरकार पहले दिन से ही अध्यादेश लाने की तैयारी में थी। इस वजह से पहले तीन दिन सेवा सचिव और फिर मुख्य सचिव गायब हो गए। तीन दिन बाद सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक हुई तो दो दिन उपराज्यपाल प्रस्ताव लेकर बैठ गए। बीजेपी ने दिल्ली की जनता को तमाचा मारा है। उसने बता दिया है कि जनता चाहे जिसे चुन ले,बीजेपी वाले उसे काम नहीं करने देंगे। आप पाटी इस अध्याददेश के खिलाफ दिल्ली में महारैली करेगी। राज्यसभा में इसे पास होने से रोकने के लिए सीएम केजरीवाल ने विपक्ष से समर्थन भी मांगने की बात कही है

तो वापिस लिया जाएा अध्यादेश....
सीएम केजरीवाल ने कहा है कि केंद्र सरकार ने रिव्यू पिटीशन दायर की है। जब केंद्र सरकार नेअध्यादेश लाकर पूरे फैसले को खत्म कर दिया तो रिव्यू पिटीशन का क्या मतलब रह गया। जब कोई फैसला ही नहीं बचा है तो उसकी समीक्षा कैसे हो सकती है। इसका मतलब तभी रहेगा, जब उसकी सुनवाई से पहले अध्यादेश को वापस लिया जाएगा। अध्यादेश से साबित हो गया है कि लड़ाई अब केंद्र बनाम सुप्रीम कोर्ट बन गई है। एक जुलाई को जब सुप्रीम कोर्ट खुलेगा तो दिल्ली सरकार अदालत में अध्यादेश को चुनौती देगी।

केंद्र सरकार काम करने से रोक रही..
सीएम ने कहा कि आम आदमी पार्टी को दो बार विधानसभा और एक बार एमसीडी के अंदर प्रचंड बहुमत मिला, लेकिन केंद्र सरकार दिल्ली सरकार को काम करने से रोक रही है। हमारे शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्री को जेल में डाल दिया, ताकि स्कूल और अस्पताल न बन सकें।।

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