दिल्ली सरकार का आरोप, LG ने केजरीवाल को सिंगापुर जाने वाली फाइल पर लगाई रोक



नई दिल्ली. आप सरकार और उपराज्यपाल के बीच एक बार फिर टकराव शुरू हो गया है. सरकार ने आरोप लगाया है कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली सरकार की कई अहम फाइलें रोक रखी हैं. छोटे-छोटे मामलों की फाइल भी राजनिवास में लंबे समय तक डंप हो रही हैं. जिस कारण कई जनहित के निर्णय नहीं हो पा रहे हैं.

दिल्ली सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि दुनिया के सामने दिल्ली मॉडल रखने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिंगापुर में वर्ल्ड सिटीज समिट में शामिल होने की फाइल भी उपराज्यपाल ने रोकी हुई है. इस संबंध में उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

सूत्रों ने कहा कि पूर्व उपराज्यपाल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री के बाहर जाने की फाइल एक-दो दिन में दिल्ली सरकार के पास वापस जाती थी. लेकिन नए उपराज्यपाल ने छोटे-छोटे मामलों की फाइलें भी रोक रखी हैं. इनमें कई ऐसी फाइलें भी शामिल हैं, जिन पर उपराज्यपाल को सिर्फ  सलाह देनी है. इसके बावजूद फाइलें लंबे समय से उपराज्यपाल के पास लंबित हैं. 

मालूम हो कि दिल्ली के सिंगापुर के उच्चायुक्त साइमन वाग ने गत एक जून को दिल्ली सचिवालय में आकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी. सिंगापुर में होने वाले वर्ल्ड सिटीज समिट-2022 में शिरकत करने के लिए सीएम को आमंत्रित किया गया था. इस बार शिखर सम्मेलन का आयोजन दो और तीन अगस्त 2022 को होगा. 

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने उनके आमंत्रण को स्वीकार किया, जिसके बाद सिंगापुर दौरे की रूपरेखा तैयार की गई. मुख्यमंत्री के प्रस्तावित दौरे के संबंध में सात जून को फाइल उपराज्यपाल के पास भेजी गई. इससे उपराज्यपाल कार्यालय और आप सरकार के बीच नए सिरे से गतिरोध पैदा होने का अनुमान है. 

बता दें कि पिछले दिनों उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सक्सेना पर आरोप लगाया था कि वह भारतीय जनता पार्टी का पक्ष लेने के लिए कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं.

उन्होंने यह आरोप तब लगाया था जब उपराज्यपाल ने कोविड महामारी के दौरान यहां सात अस्थायी अस्पतालों के निर्माण में अनियमितताओं के आरोपों की जांच के लिए भ्रष्टाचार रोधी शाखा को मंजूरी दे दी थी. 

वहीं,अधिकारियों ने बताया कि प्रोटोकॉल के मुताबिक मुख्यमंत्री समेत किसी भी मंत्री को आधिकारिक विदेश यात्राओं के लिए गृह मंत्रालय से मंजूरी लेनी होती है और मंजूरी के लिए फाइल उपराज्यपाल कार्यालय के जरिए गृह मंत्रालय को भेजी जाती है.

दिव्यांशी शर्मा

मेरे बारे में जान कर क्या करोंगे। लिखने का कोई शोक नहीं। जब लिखने का मन करता है तो बस बकवास के इलावा कोई दुसरी चीज दिखती ही नहीं है। किसी को मेरी बकवास अच्छी लगती है किसी को नहीं। नहीं में वे लोग है जो जिंदगी से डरतें है और बकवास नहीं करते। और मेरे बारे में क्या लिखू।

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