बैठक में मंत्री ने दी जानकारी, मामूली अपराधों के करीब 3 लाख मुकदमों को वापस लेगी असम सरकार


 गुवाहाटी. असम सरकार ने मामूली अपराधों में दर्ज करीब तीन लाख मुकदमों को रविवार को वापस लेने का फैसला किया, ताकि न्यायपालिका पर से मुकदमों का बोझ कम हो सके. राज्य सरकार के एक मंत्री ने यह जनकारी दी. राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए असम के पर्यटन मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने कहा कि पूरे राज्य में अदालतों में लाखों मुकदमे लंबित हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-321 का इस्तेमाल करते हुए करीब 4.19 लाख मामूली आपराधिक मामलों में से तीन लाख मुकदमों को वापस लेने का फैसला किया है. इससे न्यायालयों पर से मुकदमों का बोझ कम होगा और जेलों में कैदियों की भीड़ घटाने में भी मदद मिलेगी.’’

मंत्रिमंडल की बैठक की जानकारी देते हुए बताया गया कि सरकार जल्द ही लोक अभियोजकों को अगली सुनवाई के दौरान संबंधित मुकदमों में याचिका दाखिल करने के लिए निर्देश और विस्तृत मानक प्रक्रिया जारी करेगी. सरकार ने इसके साथ ही राज्य में दो निजी विश्वविद्यालय-गिरिजानंद चौधरी विश्वविद्यालय, असम और प्रागज्योतिषपुर विश्वविद्यालय-को स्थापित करने की मंजूरी दी. बता दें कि हाल ही में असम सरकार ने सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़े मामले सहित एक लाख मुकदमों को वापस लेने का फैसला किया था.

प्रदेश के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि उनकी सरकार निचले स्तर पर न्यायपालिका पर बोझ कम करने के मकसद से यह कदम उठाया है. बीते 15 अगस्त को सीएम ने कहा था कि निचली अदालतों में करीब 4 लाख मुकदमें लंबित हैं. उन्होंने कहा था कि सरकार ने 14 अगस्त 2021 की मध्यरात्रि से पहले दर्ज मामूली मुकदमों को वापस लेने का फैसला किया है. उन्होंने कहा था कि इससे न्यायपालिका दुष्कर्म और हत्या जैसे अधिक जघन्य अपराधों पर ध्यान केंद्रित कर पाएगी.

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