यमुना की सफाई को लेकर केजरीवाल सरकार का बड़ा फैसला



दिल्ली : केजरीवाल सरकार 2025 तक यमुना की सफाई पूरी करने, दिल्ली के हर घर को 24 घंटे नल से साफ पानी देने और सभी अनाधिकृत कॉलोनियों के घरों को सीवर लाइन से जोड़ने को लेकर बेहद गंभीरता से काम कर रही है. इसी कड़ी में जल मंत्री दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने बृहस्पतिवार को दिल्ली सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बोर्ड बैठक की. इस मीटिंग के दौरान नई सीवर लाइनें बिछाने, लोगों को घरेलू सीवर कनेक्शन उपलब्ध कराने, मौजूदा एसटीपी को अपग्रेड करने, जेजे क्लस्टर कॉलोनियों में आरओ पानी की सुविधा देने और दिल्ली जल बोर्ड की राजस्व प्रबंधन प्रणाली में सुधार करने को लेकर चर्चा की गई. यमुना की सफाई पर केंद्रित बोर्ड बैठक में राष्ट्रीय राजधानी में वेस्टवाटर मैनेजमेंट से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी दी गई. साथ ही अधिकारियों को सभी परियोजनाओं को समय सीमा के अंदर काम पूरा करने के निर्देश दिए. 


25 हजार घरों को मुफ्त सीवर कनेक्शन देगी केजरीवाल सरकार


बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया कि पूर्वी दिल्ली के करावल नगर और मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्रों में 12 कॉलोनियों के अलग-अलग घरों में सीवर कनेक्शन प्रदान किया जाएगा. लगभग 25000 परिवारों को केजरीवाल सरकार के इस फैसले से लाभ मिलेगा. इस परियोजना के लिए 19 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया जाएगा. सीवर कनेक्शन ऐसी कॉलोनियों में दिया जाएगा, जिनके घरों में सीवर कनेक्शन नहीं हैं और दिल्ली की मुख्य सीवेज प्रबंधन प्रणाली के बजाय सीवर के पानी को खुली नालियों और सार्वजनिक स्थानों पर छोड़ते हैं. इन घरों को दिल्ली जल बोर्ड द्वारा पहले से बिछाई गई सीवरेज लाइनों से जोड़ा जाएगा, जिसके बाद यहां के सीवरेज को ट्रीट करने के लिए यमुना विहार एसटीपी तक पहुंचाया जाएगा. इससे यमुना में प्रवाहित होने से पहले करीब 2.5 करोड़ लीटर सीवेज का उपचार करने में मदद मिलेगी. साथ ही केजरीवाल सरकार के 2025 तक यमुना की सफाई का लक्ष्य पूरा होने में भी अहम योगदान रहेगा. आसपास के लोगों को गंदे पानी के कारण होने वाली बीमारियों से राहत और स्वच्छ वातारण मिलेगा. लोगों को फुटपाथ के नीचे सीवेज के रिसाव के कारण घरों की नींव को कमजोर होने का डर भी नहीं सताएगा. 


इन 12 कॉलोनियों में दिया जाएगा सीवर कनेक्शन


चंदू नगर, मूंगा नगर, राजीव गांधी नगर, नेहरू विहार, ओल्ड मुस्तफाबाद गली नंबर 1-9, मुस्तफाबाद एक्सटेंशन गली नंबर 10-27, दयालपुर एक्सटेंशन ए, बी, सी, डी, ई और एफ ब्लॉक, और न्यू चौहानपुर गांव के आसपास के क्षेत्र, खजूरी खास गांव एलओपी और आसपास के क्षेत्र (खजुरी खास ए-डी ब्लॉक), खजूरी खास एक्सटेंशन ई-ब्लॉक, खजूरी खास एक्सटेंशन ई-ब्लॉक (एलओपी, खजूरी खास एफ-ब्लॉक और चांद बाग).


बुराड़ी और नरेला में बिछाई जाएगी नई सीवर लाइनें


बोर्ड ने नरेला में 10 किमी और बुराड़ी में 25 किमी की सीवर लाइनें बिछाने की मंजूरी दी है. नरेला और बुराड़ी में सीवर लाइनों से निकलने वाले सीवेज को उनके संबंधित एसटीपी तक पहुंचाया जाएगा. यानि नरेला के सीवरेज को नरेला एसटीपी और बुराड़ी का कोरोनेशन एसटीपी में ले जाया जाएगा. नरेला एसटीपी कैचमेंट एरिया के तहत आने वाली कॉलोनियों के सिंघू ग्रुप में 10 किलोमीटर सीवर लाइन और कोरोनेशन एसटीपी कैचमेंट एरिया के तहत आने वाले प्रधान एन्क्लेव में 25 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाई जाएगी. वर्तमान में इन दोनों क्षेत्रों में सीवरेज लाइन नहीं है. नाले के जरिये यहां से उत्पन्न सीवेज यमुना नदी में बहता है. खुले क्षेत्रों में सीवेज का पानी बहने से लोगों को मलेरिया, डेंगू, हैजा और टाइफाइड सहित कई घातक बीमारियों के होने का डर बना रहता है. यहां पर सीवर लाइनें बिछने से इस तरह की बीमारियों को फैलने से रोका जा सकेगा. इलाके के लोगों के स्वास्थ्य और स्वच्छता मानकों में सुधार होगा. वहीं, यमुना में सीधे सीवेज के गंदे पानी को गिरने से रोका जा सकेगा. परियोजना के पूरा होने के बाद नरेला की करीब 15,000 लोगों और बुराड़ी के 41,000 लोगों को फायदा मिलेगा. 


रिठाला एसटीपी अपग्रेड करने को बनाया यूनिक फाइनेंशियल मॉडल


दिल्ली सरकार ने यूनिक फाइनेंशियल मॉडल के तहत 40 एमजीडी रिठाला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को अपग्रेड करने और बेहतर तरीके से संचालित करने का फैसला लिया है. इसके अपग्रेड होने से बीओडी और टीएसएस का स्तर भी क्रमशः 15 मिलीग्राम/ली से घटकर 10 मिलीग्राम/ली और 20 मिलीग्राम/ली से 10 मिलीग्राम/ली हो जाएगा. इस यूनिक फाइनेंशियल मॉडल की मुख्य विशेषता यह है कि सरकार को शुरुआती चरण के लिए केवल 24 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा. वहीं, कुल 260 करोड़ रुपये का भुगतान 10 वर्षों की अवधि में किश्तों के रूप में किया जाएगा. इस तरह चरणबद्ध तरीके से आवंटित बजट का इस्तेमाल करने से परियोजना में ट्रॉस्पेरेंसी बढ़ेगी. यह भी सुनिश्चित होगा कि एक-एक पैसा सही उद्देश्य के लिए यूज हो रहा है. इससे डीजेबी पर वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा. ठेकेदार की जवाबदेही के अलावा सरकार के लिए ऑपरेशनल कॉस्ट को ट्रैक रखना आसान होगा. 

केजरीवाल सरकार ने इरादतनगर में 100 एकड़ जमीन पर भी एक झील बनाने की भी योजना बनाई है. इस झील में रिठाला के एसटीपी से उपचारित पानी डाला जाएगा. झील के माध्यम से ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा यह झील आसपास रहने वालों के लिए एक मनोरंजन स्थल के रूप में विकसित की जाएगी.


सोनिया विहार में बनेगा वर्टिकल 7 एमजीडी एसटीपी


केजरीवाल सरकार की ओर से सोनिया विहार में वर्टिकल 7 एमजीडी एसटीपी और राजीव नगर में 12 एमजीडी वेस्ट वाटर पंपिंग स्टेशन का निर्माण किया जाएगा. वर्तमान में करावल नगर निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत सोनिया विहार ग्रुप की कॉलोनियों में से 6 अनधिकृत कॉलोनियों से 7 एमजीडी सीवेज निकलता है. इस कचरे को ट्रीट करके एक पंपिंग स्टेशन के माध्यम से वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में ले जाया जाएगा. इस बहुमंजिला एसटीपी की एक खासियत यह है कि इसे 6000 वर्ग मीटर में ही बनाया जाएगा. इस परियोजना से आसपास के करीब 2.34 लाख लोगों को लाभ होगा. सार्वजनिक स्थानों पर सीवर का पानी न बहने के अलावा दुर्गंध की समस्या से राहत मिलेगी और वातावरण साफ रहेगा.


जलापूर्ति बढ़ाने के लिए गंभीरता से काम कर रही सरकार


दिल्ली में बढ़ती आबादी और गर्मी के मौसम में पानी की मांग के चलते लिमिटेड वाटर रिसोर्सेज पर ज्यादा दबाव  पड़ता है. ऐसे में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा पानी में प्रदूषण को नियंत्रित करने और आबादी के हिसाब से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में लगातार गंभीरता से काम किया जा रहा है. इसी कड़ी में बोर्ड ने जल आपूर्ति नेटवर्क को मजबूत करने लिए आवश्यक निर्णय लिए हैं.


ओखला में 10 पीपीएम तक अमोनिया को किया जाएगा ट्रीट 


हरियाणा से आने वाले पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने और इसे ट्रीट करने को लेकर लंबे समय से चले आ रहे मुद्दे को देखते हुए दिल्ली जल बोर्ड ने अहम फैसला लिया है. बोर्ड ने मौजूदा नॉन फंक्शनल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को 6 एमजीडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पुनर्वास करने की मंजूरी दी है, ताकि 10 पीपीएम तक अमोनिया को ट्रीट किया जा सके. पारंपरिक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स केवल 0.5 पीपीएम तक अमोनिया को ट्रीट कर सकते हैं. लेकिन अब ओखला में 15 साल पुराने अमोनिया रिमूवल प्लांट का उपयोग कर डीजेबी ने खर्च में कटौती की है. इसमें हरियाणा से यमुना में आने वाले पानी को ट्रीट किया जाएगा, ताकि पानी की गंभीर समस्या का समाधान हो सके. ओखला में नया 6 एमजीडी अमोनिया रिमूवल प्लांट न केवल दिल्ली में पीने योग्य पानी की कमी को पूरा करेगा, बल्कि पानी के सही इस्तेमाल के लिए भी सभी को प्रोत्साहित करेगा.


जेजे कॉलोनियों में लगाए जाएंगे 30 आरओ प्लांट्स 


दिल्ली जल बोर्ड ने योजना के पहले चरण में जेजे कॉलोनियों में 30 आरओ प्लांट लगाने का फैसला लिया है. ये प्लांट्स चौबीस घंटे काम करेंगे, जिससे लोगों को पानी के टैंकर आने का इंतजार न करना पड़े. ये आरओ प्लांट विभिन्न स्थानों पर 8-10 वितरण इकाइयों से लैस होंगे. जनता के लिए पानी पूरी तरह से नि:शुल्क होगा. प्रत्येक आरओ मशीन में प्रतिदिन 50 हजार लीटर पानी निकालने की क्षमता होगी.  पानी की मांग बढ़ने पर इनके जरिए 65 हजार लीटर तक पानी पहुंचाया जा सकेगा. ऐसे परिवारों को आरएफआईडी कार्ड जारी किए जाएंगे, ताकि आरओ वाटर डिस्पेंसर पर पंच कर सकें. पानी की मांग के अनुसार 10 लीटर और 20 लीटर की मात्रा में पानी का वितरण किया जाएगा. जहां पहले निवासियों को टैंकरों से पानी लेने के लिए काफी इंतजार करना पड़ता था, अब आरओ प्लांट लगने से इस समस्या से निजात मिलेगी. जेजे कॉलोनियों में लोगों को स्वच्छ जल की उपलब्धता से राहत मिलेगी.


द भारत खबर

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